Wednesday, June 9, 2010

संघर्ष ही जीवन है


सपनो की ऊँगली पकडे
एक नदी की धार के पीछे
संघर्ष ही जीवन है का नारा लगाते
आखिर एक समुन्दर में मिल गए तुम
एक लम्बी यात्रा को
मेरी शुभकामनायें मेरे दोस्त !
- आशीष मंडलोई हमारा नर्मदा बचाओ आन्दोलन का साथी जो २० मई को शांत हो गया (जैसे की निमाड़ में लोग बोलते हैं) .

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