जब हम साथ होंगे
मुझे इंतज़ार है रजनीगंधा के फूलों का
रात की उस घडी का
जब तुम्हारी सुन्दरता और निखरती है
लोग कहते हैं तुम रात की रानी हो
नहीं तुम तो खुद रात हो, रजनी हो
क्या वह रात फिर आएगी
एक सवेरे के साथ शायद
और एक बार फिर
हम साथ साथ होंगे .
- मधुरेश, फेब्रुअरी 1999
No comments:
Post a Comment