Wednesday, June 2, 2010

इंतज़ार

इंतज़ार है मुझे इस पल का
जब हम साथ होंगे
मुझे इंतज़ार है रजनीगंधा के फूलों का
रात की उस घडी का
जब तुम्हारी सुन्दरता और निखरती है
लोग कहते हैं तुम रात की रानी हो
नहीं तुम तो खुद रात हो, रजनी हो
क्या वह रात फिर आएगी
एक सवेरे के साथ शायद
और एक बार फिर
हम साथ साथ होंगे .
- मधुरेश, फेब्रुअरी 1999

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