Wednesday, June 2, 2010

एक तलाश की परिभाषा हो

एक तलाश की परिभाषा हो
तुम मेरे लिए
मगर तुम्हे परिभाषित करने की कोशिश में
बार बार नयी परिभाषा बनायीं है मैंने
बिलकुल बच्चों सी हरकतों के बीच
अचानक एक अबूझ पहेली बन जाती हो तुम
तुमसे मिलने के प्रतीक्षा में
एक एक पल वर्ष प्रतीत होते हैं
पर मिलते ही तन्मय हो तुम्हारी
बेमतलब के बातों में खो जाता हूँ
तुम्हारे हर पागलपन में
मैं अर्थ ढूँढने की कोशिश करता हूँ
और खुद पागलों की तरह
बातें करने लगता हूँ
लोगों को बहुत शिकायत है तुमसे
पर तुम जैसे हो, अच्छी हो मेरे लिए
मैंने तुम्हारे लिए अपनी परिभाषा बदल ली है
एक नयी दुनिया बना ली है
अपने सपनो की दुनिया
हकीकत से बिलकुल परे
दुनिया की सच्चाई और रिश्तों के बंधन से दूर
बहुत ही दूर, बहुत ही दूर ...

- मधुरेश, january १ २००१  

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